भारत अपनी अध्यक्षता में गोवा में 15-16 अक्टूबर,2016 को 8वां ब्रिक्स शिखर बैठक आयोजित करेगा। भारत ने ब्रिक्स की अध्यक्षता 15 फरवरी, 2016 को ग्रहण की थी।
इससे पहले चौथी ब्रिक्स विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार मंत्रीस्तरीय बैठक 8 अक्टूबर, 2016 को जयपुर में हुई। इस बैठक का उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में ब्रिक्स देशों के सहयोग को मजबूती प्रदान करना था। बैठक की अध्यक्षता विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने की। ब्राजील के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार मंत्री श्री अल्वारो टोयूब्स प्राटा, रूस के उप मंत्री श्री एलेक्सी लोपातिया, चीनी जनवादी गणराज्य के विज्ञान और प्रौद्योगिकी उप मंत्री श्री जियांग हुआ और दक्षिण अफ्रीका के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री मदाम नालेदी पैंडोर ने अपने-अपने देशों के प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया ।
ब्रिक्स मंत्रीस्तरीय बैठक में प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए डॉ. हर्षवर्द्धन ने कहा कि हम अपनी अध्यक्षता के दौरान पांच सूत्री दृष्टिकोण अपना रहे हैं। ये सूत्र हैं- संस्थान सृजन , क्रियान्वयन , एकीकरण, नवाचार और निरंतरता। हमारा बल संस्थान सृजन , पुराने संकल्पों को लागू करने , ब्रिक्स की वर्तमान सहयोग व्यवस्था में सहक्रियता लाने , सहयोग के नए क्षेत्रों का पता लगाने तथा वर्तमान क्षेभों में निरंतरता बनाए रखने पर है।
भारत की अध्यक्षीय थीम सृजन , समावेशी उत्तर तथा सामूहिक समाधान के अनुरूप ब्रिक्स देशों ने जयपुर घोषणा को अपनाया। सदस्य देशों ने ब्रिक्स अनुसंधान और नवाचार कार्यक्रमों के माध्यम से एसटीआई सहयोग में तेजी लाने , विविधता लाने तथा संस्थागत रूप देने का संकल्प व्यक्त किया ।
भारत की अध्यक्षता के दौरान फोटोनिक्स , पदार्थ विज्ञान और नैनोटेक्नोलाजी, जैव प्रौद्योगिकी तथा बायोमेडिकल विज्ञान , ऊर्जा , भू-आकाशीय प्रौद्योगिकी , खगोल विज्ञान , प्राकृतिक आपदा रोकथाम , जल तथा ठोस स्टेट लाइटिंग के क्षेत्र में ज्ञान सृजन में विशेष प्रगति हुई है।
ब्रिक्स मंत्रीस्तरीय बैठक में प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए डॉ. हर्षवर्द्धन ने कहा कि हम अपनी अध्यक्षता के दौरान पांच सूत्री दृष्टिकोण अपना रहे हैं। ये सूत्र हैं- संस्थान सृजन , क्रियान्वयन , एकीकरण, नवाचार और निरंतरता। हमारा बल संस्थान सृजन , पुराने संकल्पों को लागू करने , ब्रिक्स की वर्तमान सहयोग व्यवस्था में सहक्रियता लाने , सहयोग के नए क्षेत्रों का पता लगाने तथा वर्तमान क्षेभों में निरंतरता बनाए रखने पर है।
भारत की अध्यक्षीय थीम सृजन , समावेशी उत्तर तथा सामूहिक समाधान के अनुरूप ब्रिक्स देशों ने जयपुर घोषणा को अपनाया। सदस्य देशों ने ब्रिक्स अनुसंधान और नवाचार कार्यक्रमों के माध्यम से एसटीआई सहयोग में तेजी लाने , विविधता लाने तथा संस्थागत रूप देने का संकल्प व्यक्त किया ।
भारत की अध्यक्षता के दौरान फोटोनिक्स , पदार्थ विज्ञान और नैनोटेक्नोलाजी, जैव प्रौद्योगिकी तथा बायोमेडिकल विज्ञान , ऊर्जा , भू-आकाशीय प्रौद्योगिकी , खगोल विज्ञान , प्राकृतिक आपदा रोकथाम , जल तथा ठोस स्टेट लाइटिंग के क्षेत्र में ज्ञान सृजन में विशेष प्रगति हुई है।
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