आय घोषणा योजना 2016 के संबंध में

http://www.assams.info/images/2016/05/Income-Declaration-Scheme.jpgनयी दिल्ली -- अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍नों (एफएक्‍यू) का पांचवां सेट कल जारी किया गया जिसमें आय घोषणा योजना, 2016 से संबंधित कुछ विशेष मुद्दों को स्‍पष्‍ट किया गया है। 

इस बारे में स्‍पष्‍टीकरण देने को कहा गया है कि इस एफएक्‍यू की उत्‍तर संख्‍या 4 क्‍या इस योजना के तहत घोषित की गई सभी परिसंपत्तियों पर लागू होगी अथवा यह केवल अचल संपत्ति तक ही सीमित रहेगी। 

जैसा कि संबंधित उत्‍तर में विस्‍तार से बताया गया है कि यह स्‍पष्‍टीकरण इस तथ्‍य को ध्‍यान में रखते हुए जारी किया गया था कि किसी अचल संपत्ति में किए गए निवेश का वित्‍त पोषण आंशिक तौर पर अघोषित स्रोतों और आंशिक तौर पर घोषित स्रोतों से किया जा सकता है। 

इस तरह के मामलों में अगर संपत्ति को निकट भविष्‍य में ही बेच दिया जाता है तो संपत्ति के एक हिस्‍से से प्राप्‍त होने वाला लाभ दीर्घकालिक हो सकता है, जबकि शेष लाभ अल्‍पकालिक हो सकता है। इससे घोषणा करने वाले को अनावश्‍यक परेशानी हो सकती है। इसलिए जारी किए गए स्‍पष्‍टीकरण का वास्‍ता केवल अचल संपत्ति की धारण अवधि के निर्धारण से ही है।

उपयुक्‍त तथ्‍य के मद्देनजर यह एक बार फिर स्‍पष्‍ट किया जाता है कि इस एफएक्‍यू की उत्‍तर संख्‍या 4 केवल किसी अचल संपत्ति की धारण अवधि के निर्धारण के लिए ही मान्‍य होगी, जिसके लिए अर्जन की तिथि का सबूत राज्‍य सरकार के किसी प्राधिकरण के यहां पंजीकृत किया गया विलेख (डीड) होगा। हालांकि, इस योजना के तहत घोषित की गई अचल संपत्ति को छोड़ अन्‍य परिसंपत्तियों के मामले में पूंजीगत लाभ की गणना के लिए धारण अवधि की शुरुआत 1 जून, 2016 से मानी जाएगी।
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