सहकारिता का विकास शिक्षण एवं प्रशिक्षण के माध्यम से ही संभव


जयपुर, 14 नवम्बर। राइसेम, आई.सी.एम. एवं राज. सहकारी संघ के संयुक्त तत्वाधान में 63वें अखिल भारतीय सहकार सप्ताह का आयोजन सोमवार को राइसेम स्थित सभागार में किया गया। सतत विकास एवं संवृद्धि में सहकारिता की भूमिका की थीम पर आयोजित सहकार सप्ताह के प्रथम दिवस ‘‘शिक्षण एवं प्रशिक्षण के माध्यम से सहकारिता का सशक्तिकरण’’ पर संगोष्ठी आयोजित की गई।राइसेम के निदेशक श्री एस. के. बाकोलिया ने सहकारिता के विकास पर प्रकाश डाला तथा उदारीकरण एवं वैश्वीकरण के दौर में सहकारी शिक्षण एवं प्रशिक्षण की उपयोगिता पर बल दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री उत्तम चंद तोषावडा, प्रबंध निदेशक, कॉनफैड ने सहकारिता से जुडी समस्याओं को चिह्नित कर उनका निराकरण करने के लिए सहकारी शिक्षण एवं प्रशिक्षण से किए जाने का सुझाव दिया ताकि समस्याओं को जड से समाप्त किया जा सके और सहकारिता के माध्यम से सतत विकास एवं सवंद्धि के लक्ष्य का पाया जा सके। सहकारी मुद्रणालय के प्रबंध निदेशक श्री अशोक अईयर ने कहा कि सहकारिता प्रशिक्षण के माध्यम से लगातार मजबूत हो रही है। उन्होंने सहकारजन को शिक्षण एवं प्रशिक्षण देने के लिए सहकारिता आंदोलन से जुडी हुई घटनाओं का म्यूजियम बनाने का सुझाव दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षीय भाषण में श्रीमती सोनल माथुर, संयुक्त रजिस्ट्रार (मार्केटिंग) ने कहा कि सहकारिता हमारे जीवन में हर दिन प्रासंगिक है और इसे आत्मसात करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में राइसेम अति. निदेशक, श्रीमती गुंजन चौबे ने कहा कि आर्थिक एवं पर्यावरणीय क्षेत्र के प्रत्येक बिन्दु में सहकारिता व्यापक एवं प्रभावी है। सहकारिता के विकास में अवरोधकों की पहचान कर उनका निराकरण किस प्रकार किया जा सकता है, उन उपायों को सहकारी शिक्षण एवं प्रशिक्षण में सम्मिलित करने पर बल दिया। इस अवसर पर श्रीमती कविता गुप्ता, श्रीमती शशिबाला जौहरी, श्री शेखावत एवं श्री छोटी लाल बुनकर, सहा. रजिस्ट्रार ने अपने अपने विचार रखे। सहकारी संघ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री हरकीरत सिंह, आई.सी.एम. के प्राचार्य श्री बिनोद प्रसाद एवं श्रीमती कविता गुप्ता, श्रीमती शशिबाला जौहरी, श्री शेखावत, श्री छोटी लाल बुनकर, सहा. रजिस्ट्रार तथा अन्य वक्ताओं ने सहकारी शिक्षण एवं प्रशिक्षण की सतत विकास एवं संवृद्धि में भूमिका पर विस्तृत प्रकाश डाला तथा सहकारिता में नवाचार तथा ट्रेनिंग नीड असिसमेंट की आवश्यकता पर बल दिया ताकि सहकारिता से जुडे सदस्यों को उनकी आवश्यकता के आधार पर ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार कर प्रशिक्षण दिया जा सके।
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